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Navratri 2020: क्यों मनाई जाती है नवरात्रि, क्या है इसका पौराणिक इतिहास

 नवरात्रि के दिनों में लोग माँ दुर्गा की पूजा-आराधना करते हैं। नौ दिनों तक घर और मंदिर में माता को स्थापित कर विधि-विधान से पूजा-पाठ और व्रत रखते हैं। इन नौ दिनों में माता के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। 29 सितंबर 2019 को नवरात्रि का पहला दिन है जिसमें प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना की जाएगी। आइए जानते हैं नवरात्रि मनाए जाने के पीछे की पौराणिक कथा.



Navratri 2020: क्यों मनाई जाती है नवरात्रि, क्या है इसका पौराणिक इतिहास


पौराणिक कथा


शास्त्रों में नवरात्रि का त्योहार मनाए जाने के पीछे दो कारण बताए गए हैं। पहली पौराणिक कथा के अनुसार महिषासुर नाम का एक राक्षस था जो ब्रह्मा जी का बड़ा भक्त था। उसने अपने तप से ब्रह्माजी को प्रसन्न करके एक वरदान प्राप्त कर लिया। वरदान में उसे कोई देव, दानव या पृथ्वी पर रहने वाला कोई मनुष्य  मार ना पाए। वरदान प्राप्त करते ही वह बहुत निर्दयी हो गया और तीनो लोकों में आतंक माचने लगा। उसके आतंक से परेशान होकर देवी-देवताओं ने  ब्रह्मा, विष्णु, महेश के साथ मिलकर माँ शक्ति के रूप में दुर्गा को जन्म दिया। माँ दुर्गा और महिषासुर के बीच नौ दिनों तक भयंकर युद्ध हुआ और दसवें दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया। इस दिन को अच्छाई पर बुराई की जीत के रूप में मनाया जाता है।



एक दूसरी कथा के अनुसार, भगवान राम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले और रावण के संग युद्ध में जीत के लिए शक्ति की देवी माँ भगवती की आराधना की थी। रामेश्वरम में उन्होंने नौ दिनों तक माता की पूजा की। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर माँ ने श्रीराम को लंका में विजय प्राप्ति का आशीर्वाद दिया। दसवें दिन भगवान राम ने लकां नरेश रावण को युद्ध में हराकर उसका वध कर लंका पर विजय प्राप्त की। इस दिन को विजय दशमी के रूप में जाना जाता है।






Navratri 2020: क्यों मनाई जाती है नवरात्रि, क्या है इसका पौराणिक इतिहास

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